Friday, April 3, 2009

भारत में भी गीत-संगीत सुनना गैर-इस्लामिक है… यह रिपोर्ट देखिये

“लाल बन्दरों” के राज्य पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक मौलवी ने गीत-संगीत सुनने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। “द टेलीग्राफ़” की खबर (यहाँ देखें http://www.telegraphindia.com/1061206/asp/bengal/story_7100621.asp) के अनुसार यह फ़तवा मुर्शिदाबाद के रामपुर गाँव के रघुनाथगंज ब्लॉक में दीवारों पर चिपकाया गया है, जिसमें मस्जिद और मज़ार का स्टाम्प / सील भी लगी है। “इस गाँव में म्यूजिक प्रतिबन्धित है…” ऐसा लिखा है उसमें। गाँव के हरेक दुकान और गुमटी वाले को यह “नोटिस” दिया गया है कि वे रेडियो-टीवी न बजायें वरना 1000 रुपये जुर्माना किया जायेगा… उत्तरप्रदेश के एक मुस्लिम नेता कटरा शरीफ़ (शाहजहाँपुर) के सैयद अहमद कलीमी ने यह फ़तवा लगाया है जो इस गाँव के मस्जिद में हर साल आता है और यहाँ का अध्यक्ष है।

बंगाल में जिस तरह से मुस्लिम आबादी खतरनाक स्तर पर पहुँच चुकी है, ये तो होना ही था… कहाँ हैं शर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर और लाल मुँह के बन्दरों के समर्थक?

4 comments:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

यह तो इब्तेदा-ए-शर्म है
आगे-आगे देखिए लंगोटी खुलती है क्या!!:)

संजय बेंगाणी said...

अपना पिछवाड़ा सम्भालो, शरियत भी लागू होगा.

Arun Arora said...

हमने मोदी को भी म्युजिक नही सुनते देखा पहले उसकी बात करो . ये बात मै कह रहा हू सेकुलरो की और से जी :)वो आज यहा नही आये इसलिये :)

EP Admin said...

mubarak ho,
sambhalo khud ko