Thursday, April 2, 2009

ब्लॉग जगत के वरिष्ठजनों को नमस्कार – एक नया ब्लॉग शुरु कर रहा हूँ…

हिन्दी ब्लॉग जगत के सभी सज्जनों को मेरा नमस्कार, मेरे प्रेरणास्रोत और मेरे हिन्दी ब्लॉग-गुरु के आशीर्वाद से यह “शर्मनिरपेक्षता” नामक ब्लॉग शुरु कर रहा हूँ। यह शब्द शर्मनिरपेक्षता उन्हीं की देन है, इस ब्लॉग पर “शर्मनिरपेक्षता” सम्बन्धी समाचार प्रकाशित किये जायेंगे, मैं अपने गुरु की तरह बड़े लेख नहीं लिख सकता, लेकिन पढ़ाई से समय निकालकर छोटे-छोटे शर्मनिरपेक्ष समाचार देने की कोशिश करूंगा। आप सभी का आशीर्वाद चाहिये।





शुरुआत करते हुए सबसे पहला समाचार यह है कि केरल में वामपंथी नेताओं ने अब्दुल नासिर मदनी के साथ चुनावी गठबन्धन कर लिया है, अब्दुल नासिर मदनी कोयम्बटूर बम धमाके का आरोपी है और जेल में रह चुका है और कट्टर मुसलमान है जो केरल को कश्मीर बनाने का सपना देख रहा है… है ना बदसूरत “शर्मनिरपेक्षता”…

19 comments:

Arun Arora said...

जी बिलकुल है १०० फ़ीसदी है , जमे रहिये आगमन की बधाई

Anonymous said...

स्‍वागत है। तीर-तरकश संभाल लीजिए।

अविनाश वाचस्पति said...

शर्मनिरपेक्षता तो ठीक है

तीरों के कोनों पर

विष अवश्‍य लगाइए।

Kavita Vachaknavee said...

राजनीति केवल अपराध की शरणस्थली है।

संजय बेंगाणी said...

कितना ही लिख लो इन पर रासुका नहीं लगने वाला.

आगमन का स्वागत है.

Udan Tashtari said...

स्वागत है-आप भी आईये. शुभकामनाऐं

अनुनाद सिंह said...

स्वागत है।
अच्छा कदम है। यह क्षेत्र इतना बड़ा है कि इसके लिये एक अलग से चिट्ठा होना ही चाहिये।

Unknown said...

आपका स्वागत् है!

Himanshu Pandey said...

अनुनाद जी ने प्रांजल व्यंग कर दिया है ।
आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

Batangad said...

आइए-आइए इसमें शर्म जैसी कोई बात है भी नहीं।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

भई, इनका बस चले तो ये सारे हिन्दुस्तान को कश्मीर बना डालें.

Alok Nandan said...

Hitler ki taswir achi hai....aur samachar aap denge hi...behtar hai...

Kapil said...

ताजा खबर मिली है कि नागपुर के फरमान पर आप 'हिं-सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद' पर भी ब्‍लॉग शुरू करने जा रहे हैं। क्‍या वाकई?

अविनाश वाचस्पति said...

तो कनिष्‍ठों को तो

नमस्‍कार भी नहीं

तो क्‍या
तिरस्‍कार .....

Unknown said...

@ हर्शवर्धन जी - बिलकुल सही कहा, शर्म की बात तो "धर्मनिरपेक्षों" के लिये ही है…
@ कपिल जी - नागपुर से संदेश लेने मे कोई बुराइ है क्या? चीन या पाकिस्तान से लेने की बजाय नागपूर से लेना ज्यादा ठीक है, नहीं क्या?

जयंत - समर शेष said...

Best of luck.

The freedom of speech should be able to bring out what main stream media and so called secular parties would not talk about..

Lage Raho!!!!
Jaagate Raho!!!!
Jagaate Raho!!!!!!

~Jayant

बाल भवन जबलपुर said...

Swagat

मेरे मुहल्ले का नुक्कड़ said...
This comment has been removed by the author.
मेरे मुहल्ले का नुक्कड़ said...

meri taraf se bhi badhai.